ज्योतिष का जीवन में महत्व

ज्योतिष का जीवन मे महत्व


जब से मनुष्य का इस पृथ्वी पर अस्तित्व हुआ है तभी से वह अपने अस्तित्व को बचाने के लिए तरह तरह की खोज करता रहा है जैसे तन ढकने को कपड़ा, आत्म रक्षा के लिए हथियार, भोजन के लिए कृषि, अग्नि, धूप बारिश व जंगली जानवरों से सुरक्षा के लिए गुफ़ा मकान इत्यादि इत्यादि l  वैसे भी मनुष्य स्वभाव से जिज्ञासु रहा है , नित निरंतर नई नई खोजों के प्रति उत्साहित , पृथ्वी पर तो खोज चलती ही रहती है आकाश को भी जीतने की चाह रखता है जैसे अभी चाँद पर मँगल पर और अब सूर्य देव को वहीं जाकर प्रणाम करना चाहता है इसी प्रकार से हमारे मनीषियों ने भी अपनी जिज्ञासा वश अपनी दिव्य शक्ति द्वारा अंतरिक्ष को जानने की अपनी चाह में और अध्यात्म मे भिन्न भिन्न प्रयोग करते हुए ज्योतिष विज्ञान की भी खोज की है l
ज्योतिष की खोज में यूँ तो बहुत मनीषी हुए परंतु कुछ मुख्य मनीषी जिनका अधिक योगदान है वे हैं महृषि पराशर, वरःमिहिर, जैमिनि, गर्ग, अगस्त, भृगु, और अन्य बहुत जिन्होंने ज्योतिष विज्ञान में अपनी अपनी पद्धति द्वारा अमूल्य खोज की और समाज को गहन अंधकार में रोशनी की उज्ज्वल किरण दी जिससे मनुष्य को अपने जीवन को व्यवस्थित करने मे बहुत सहायता मिली है l
यूँ तो सभी आकाशीय पिंडों का पृथ्वी पर  जड़ और चेतन पर हो रहे  प्रभाव को खोजा परंतु मनुष्य चूंकि सबसे उत्तम योनि है और अपने उपर हो रहे प्रभाव को तन, मन और भावना के तल पर महसूस करने की क्षमता रखता है अत: उन सूक्षम प्रभावों के प्रति भी सचेत हुआ जो अच्छी या बूरी परिस्थियों से प्रभावित करते हैं, 
मनीषियों ने अपने अपने अनुसंधान मे पिंडों जिन्हें हम ग्रह कहते हैं मे पाया कि मनुष्य अपने कर्म करने मे पूर्ण रूप से स्वतंत्र नहीं है बल्कि ग्रहों द्वारा निर्मित परिस्थियों के अधीन हो कर कर्म करने पड़ जाते हैं अत: यह सिद्ध भी हुआ है कि ज्योतिष का हमारे जीवन में विशेष महत्व है जिसे सिर्फ वे विद्वान जन ही समझ कर बता सकते हैं जिन्हें ज्योतिष का ज्ञान है और जो इसे सिर्फ धन अर्जित का माध्यम नहीं बनाते l
ज्योतिष विद्या हमें  कैसे हम सुंदर रूप से जीवन को जी सकते हैं का मार्गदर्शन दे सकती है यदि हम शांत चित से इस पर विचार करके इसे अपने जीवन में अपनाएँ और हाँ हमें उन धन के लोभियों से भी सावधान रहने की आवश्यकता है जो लोगों को डरा कर उनका शोषण करते हैं l
हरि ओम तत् सत्

धर्मवीर दहिया