प्रश्न कुंडली

प्रश्न शास्त्र
प्राच्य ज्योतिष का एक अंग प्रश्न शास्त्र है जिस के माध्यम से किसी भी प्रश्नकर्ता का प्रश्न बिना जन्म कुंडली के आधार पर दिया जा सकता है। जैसे जन्म कुंडली बच्चे के जन्म के समय निर्मित की जाती है , उसी प्रकार प्रश्न कुंडली उस समय के लिए निर्मित की जाती है जब व्यक्ति अपने भविष्य को जानने के लिए ज्योतिषी के पास आता है और उस के पास उस का जन्म विवरण नहीं होता ऐसे में उनके प्रश्नो का उत्तर देने के लिए प्रश्न कुंडली ही एकमात्र साधन होता है। मुख्यतः प्रश्न कुंडली का प्रयोग तत्कालीन प्रश्न का उत्तर जानने के लिए किया जाता है। 
              जिस समय किसी कार्य के पूर्ण होने या ना होने की इच्छा  हो तो उस  समय की प्रश्न कुंडली बनाकर  लग्न, गृहों, चंद्रमा की स्तिथि एवं नवमंशा कुंडली बनाकर प्रश्न का उत्तर खोजा जा सकता है।  
                  प्रश्न कुंडली से प्राप्त उत्तर की अवधी निर्धारित है, संबंधित घटनाओ का विस्तार अधिकतम 6 माह से 1वर्ष तक दिया जा सकता है। अगर जनम कुंडली और प्रश्न कुंडली के स्वभाव जाने तो दोनों कुंडली अपना विशेष महत्व रखती हैं जैसे की-

* जन्म कुंडली पूरे जीवन का आधार है जबकि प्रश्न कुंडली बस एक प्रश्न विशेष पर आधारित है।

* जन्म कुंडली में समय की अशुद्धी की संभावना बहुत होती है , जबकि प्रश्न कुंडली में अशुद्धी की संभावना बहुत कम होती है।

* जन्म कुंडली प्रारब्द के बारे में बताती है, जबकि प्रश्न कुंडली क्रीयमान् कर्म के बारे मे बताती है।

                   प्रश्न कुंडली के माध्यम से प्रश्चक्  अर्तात् प्रश्न करने वाला के बारे में भी पता लग जाता है की प्रश्चक् सरल अथवा कुटिल है। उस की मनोदशा क्या है, क्या वो प्रश्न को ले कर गंभीर है या बेईमान व्यक्ति केवल ज्योतिषी का परीक्षण करने अथवा ज्योतिष महा ज्ञान का उपहास मात्र के लिए आया है। प्रश्न सिद्धांत एक बहुत ही धार्मिक क्रिया है और जिस का प्रमाण हमारे शास्त्रीय ज्योतिष पुस्तकों में उपलब्ध है, उन पुस्तकों के आधार पर ही एक ज्योतिषी प्रश्न माध्यम से व्यक्ति विशेष की समस्याओं का निवारण करता है। 
              
                 आज के परिवेश में प्रश्न कर्ता स्वयं को एक प्रश्न तक सीमित नहीं रखता, वह एक ही परामर्श में अपने जीवन की संपूर्ण घटनाओ को जानने की इच्छा रखता है, प्रश्न पद्धति मे एक ही समय में निम्नलिखित विधि से एक से अधिक प्रश्नो का उत्तर भी प्राप्त किया जाता है-

पहला प्रश्न - लग्न से

दूसरा प्रश्न - चंद्रमा से

तीसरा प्रश्न - सूर्य से

चौथा प्रश्न - ब्रहस्पति से

पाँचवा प्रश्न - प्रश्न कुंडली में शुक्र अथवा बुध मे जो बली हो उस से

छटा प्रश्न - प्रश्न कुंडली में शुक्र अथवा बुध मे जो बलहीन  हो उस से