काल सर्प दोष

काल सर्प दोष
आप सब ने काल सर्प दोष की बारे में ही सुना होगा । बहुत से लोग इसके नाम से ही डरते हैं। पर क्या आप जानते हैं लगभग 60 पर्सेंट कुंडलियों में यह दोष पाया जाता है। कुंडली के सभी ग्रह हैं जब राहू केतु के अक्ष में आ जाते हैं तो इस प्रकार की कुंडलियां में माना जाता है कि यह काल सर्प दोष है। इस तरह की कुंडलियों के लिए पंडित लोगों को ख़ूब डराते हैं, आप लोगों के साथ कोई भी अरिष्ट हो सकता है और इस दोष के निवारण के लिए पूजा भी करवाते हैं । ऐसा देखा गया है कि काल सर्प दोष निवारण के लिए पंडित ख़ूब पैसे लेते हैं। पंडितों के अनुसार 12 तरह के काल सर्प दोष होते है। इन दोषों का अलग अलग प्रभाव कुंडलियों पर होता है जैसी शादी में देरी ,तलाक़ ,कैरियर में दिक़्क़त ,बच्चों से परेशानी ,भूमि ,मकान वाहन ,पढ़ाई में परेशानी आदि आयेगी। ऐसा कहकर लोगों को डराया जाता है।
          परंतु हमारे ज्योतिषी ग्रंथों में कहीं भी काल सर्प दोष का उल्लेख नहीं है। हर कुंडली में राहु केतू बुरा प्रभाव नहीं देते परंतु यह व्यक्ति को जीवन में बहुत कुछ प्रदान भी करते हैं । हम यूँ कहें कि इन छाया ग्रहो के बिना कुंडली अधूरी है।
        माना कि राहू केतु स्वर भानू नामक राक्षस का सिर और धड़ हैं परंतु आप ये भी न भूलें की स्वर भानु ने अमृत पान किया है । राहु और केतु में देवों और दैत्यों दोनों के भी है।शुभ ग्रहों के प्रभाव में राहू केतु बहुत कुछ देने में सक्षम है और अशुभ ग्रहों के प्रभाव में ये ग्रह बहुत कुछ विनाश करने में भी सक्षम है । परंतु ये दोनों कुंडली में काल सर्प दोष का निर्माण नहीं करते हैं आज कल बहुत से पंडित अर्ध काल सर्प दोष के बारे में बताकर डराते हैं यदि कोई एक भी ग्रह राहू केतु अक्ष के दूसरी तरफ़ हो तो कालसर्प दोष का निर्माण होता है ऐसा पंडित कहते हैं परंतु ऐसा कोई भी दोष ज्योतिषीय ग्रंथों में नहीं पाया गया है।
इसलिए काल सर्प दोष से डरने की ज़रूरत नहीं है बस ज़रूरत है तो एक पढ़ें लिखेहै ज्योतिषीय से संपर्क करें और अपनी कुंडली का अच्छी तरह से अध्यन कराएं।।

आचार्य भारती